IND vs ENG: भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ की कमाई अब एशेज के बराबर, ECB के सीईओ ने बताई वजह 

IND vs ENG: क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, एक भावना है। और जब बात भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैचों की हो, तो यह मुकाबला किसी भी लिहाज से कम नहीं होता।

IND vs ENG: भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ की कमाई अब एशेज के बराबर, ECB के सीईओ ने बताई वजह 
Highlights:
🔹 भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ की कमाई अब एशेज के बराबर
🔹 ECB CEO रिचर्ड गोल्ड ने दी बड़ी टिप्पणी
🔹 ‘पाटौदी ट्रॉफी’ का नाम अब ‘टेंडुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’
🔹 पहला टेस्ट 20 जून से हेडिंग्ले में शुरू
🔹 सीरीज़ WTC अंकतालिका का भी हिस्सा\

अब तो इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के CEO रिचर्ड गोल्ड ने भी कह दिया है कि भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ व्यापार और लोकप्रियता के मामले में एशेज के बराबर है। उनके इस बयान ने क्रिकेट जगत में एक नई बहस छेड़ दी है क्या वाकई भारत और इंग्लैंड की टेस्ट भिड़ंत अब ‘एशेज’ जैसी प्रतिष्ठा पा चुकी है?

IND vs ENG का एक ऐतिहासिक रिश्ता

भारत और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट का इतिहास 1932 से शुरू हुआ, जब भारत ने अपना पहला टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ खेला। तब से लेकर आज तक, दोनों टीमों के बीच कई यादगार मुकाबले हुए हैं चाहे वह 2007 में ट्रेंट ब्रिज की जीत हो या 2021 की लॉर्ड्स की वो ऐतिहासिक जंग। इस सीरीज़ में हर मैच किसी थ्रिलर फिल्म की तरह होता है जिसमें रोमांच, उतार-चढ़ाव और अंत तक सस्पेंस बना रहता है। भारतीय टीम 2007 के बाद इंग्लैंड जाकर आज तक एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती । पिछली बार 2021-22 जब भारतीय टीम इंग्लैंड का दौरा किया था उस समय सीरीज दो-दो से बराबर हो गया था।

क्या है रिचर्ड गोल्ड का कहना?

ECB के CEO रिचर्ड गोल्ड का कहना है कि भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज़ अब सिर्फ खेल नहीं, एक बड़ा कारोबारी अवसर बन चुकी है। उनके मुताबिक, जैसे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच की एशेज सीरीज़ को वैश्विक दर्शक देखते हैं, ठीक वैसे ही भारत-इंग्लैंड की सीरीज़ भी दुनियाभर में फॉलो की जाती है। उन्होंने कहा कि भारत की उपस्थिति से दर्शकों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होता है और ब्रॉडकास्टिंग से लेकर स्टेडियम टिकट्स तक, हर जगह राजस्व में बूम आता है।

क्यों है भारत इतना अहम?

भारत आज क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है। BCCI, यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड, ICC के नए राजस्व मॉडल में लगभग 38.5% हिस्सेदारी रखता है। इसका सीधा मतलब है कि हर साल भारत को ICC से करीब 230 मिलियन डॉलर मिलते हैं। रिचर्ड गोल्ड का मानना है कि यह पूरी तरह से जायज़ है, क्योंकि भारत ही वो देश है जहां क्रिकेट को धर्म की तरह पूजा जाता है। जब भी भारत का मैच होता है, टीवी रेटिंग्स और डिजिटल व्यूअरशिप आसमान छूने लगती है।

इस सीरीज में हो सकती है बड़ी लड़ाई

भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज़ में कुछ खास बातें है दोनों टीमें कभी एक-दूसरे को हल्के में नहीं लेतीं। हर मैच में खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं भले ही मैदान पर आक्रामकता हो, लेकिन इस सीरीज़ में खेल भावना की झलक हमेशा दिखती है। इंग्लैंड की सीमिंग पिचों पर बल्लेबाज़ी आसान नहीं होती, वहीं भारत में स्पिन टेस्ट होता है। इससे सीरीज़ का रोमांच और बढ़ जाता है चाहे शुभमन गिल हों या जो रूट, पंत हों या स्टोक्स हर खिलाड़ी इस सीरीज़ में अपना सबकुछ झोंक सकता है।

नाम में बदलाव पाटौदी से टेंडुलकर-एंडरसन ट्रॉफी

इस बार इस सीरीज़ में एक बड़ा बदलाव किया गया है। अब इस ट्रॉफी को ‘पाटौदी ट्रॉफी’ की जगह ‘टेंडुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ कहा जाएगा। इस फैसले पर काफी विवाद भी हुआ। पाटौदी ट्रॉफी एक ऐतिहासिक नाम था, जो भारत और इंग्लैंड की साझी विरासत को दर्शाता था। हालांकि, यह नया नाम क्रिकेट के दो दिग्गजों सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन से जुड़ा है। कुछ लोग इस बदलाव से नाराज़ हैं, लेकिन इसका मकसद नई पीढ़ी को खेल के महानायकों से जोड़ना है।

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कब से कब तक होगा सीरीज

इस साल जुलाई में इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ होनी है। पहला टेस्ट हेडिंग्ले में 20 जून से शुरू होगा और आखिरी टेस्ट लॉर्ड्स में 27 जुलाई को खत्म होगा। यह सीरीज़ ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का भी हिस्सा है, यानी इसके नतीजे सिर्फ प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि अंकतालिका पर भी असर डालेंगे।