ICC | अब खेल बदलने वाला है! टेस्ट में 17 जून से, वनडे में 2 जुलाई से और T20 में 10 जुलाई से आएंगे नए नियम – ICC ने दी मंजूरी

अब खेल बदलने वाला है: ICC यानि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने मेंस क्रिकेट प्लेइंग कंडीशन में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। अब ODI मैचों में इस्तेमाल होने वाले दो गेंदों के नियम में बदलाव के साथ और सख्त कन्कशन सब्सटीट्यूट नियम से जुड़े अपडेट हैं।

ICC

टेस्ट में 17 जून से, वनडे में 2 जुलाई और T20 में 10 जुलाई से ICC मेंस कमिटी ने ये नियम लागू करने का फैसला लिया है। इस समय वनडे में दो नई गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है, दोनों एंड से 25-25 ओवर के लिए नई गेंदों का इस्तेमाल होता है। नए नियम के मुताबिक अभी भी दो नई गेंदों का इस्तेमाल होगा लेकिन 34वें ओवर तक ही, 35वें ओवर से 50वें ओवर तक टीमों के दोनों छोर से गेंदबाजी करने के लिए उन दोनों गेंदों में से किसी एक गेंद का चयन करना होगा।

यदि पहली पारी शुरू होने से पहले ODI मैच को 25 ओवर या उससे कम कर दिया जाता है, तो इस स्थिति में केवल एक नई गेंद का ही उपयोग किया जाएगा।

ICC ने कहा कि इन नियमों के बदलाव का उद्देश्य “बल्ले और गेंद के बीच संतुलन को फिर से स्थापित करना है।” वनडे में चली आ रही चिंता, जहां गेंदबाजों को अक्सर पारी के अंतिम चरण में ‘रिवर्स स्विंग’ या ग्रिप बनाने में संघर्ष करना पड़ता है।

कन्कशन सब्सटीट्यूट

अस्पष्टता से बचने के लिए टीमों को अब टॉस से पहले मैच रेफरी को पांच सब्स्टीट्यूट के नाम बतानी होंगे जैसे: एक बल्लेबाज, एक गेंदबाज, एक स्पिनर, एक ऑलराउंडर और एक विकेटकीपर।

यदि मैच के दौरान कोई कन्कशन सब्सटीट्यूट भी चोटिल हो जाता है, तो मैच रेफरी लाइक टू लाइक प्रोटोकॉल के अनुसार, कन्कशन सब्सटीट्यूट में चुने गए 5 खिलाड़ियों के अलावा भी किसी और खिलाड़ी को अनुमति दे सकता है।

कन्कशन सब्सटीट्यूट किसे कहते है

क्रिकेट में, कन्कशन सब्स्टीट्यूट (Concussion Substitute) के नियम को ICC ने 1 अगस्त 2019 को लागू किया। यह एक ऐसा नियम है जो किसी खिलाड़ी को सिर में चोट लगने (कन्कशन) की स्थिति में मैदान से बाहर जाने और उसकी जगह एक समान खिलाड़ी को टीम में शामिल करने की अनुमति देता है। इसका मतलब है कि अगर किसी बल्लेबाज को चोट लगती है, तो उसकी जगह एक बल्लेबाज ही आएगा, नकी कोई गेंदबाज. यह नियम खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है.

बन्नी हॉप

एक छोटा लेकिन उल्लेखनीय बदलाव यह है कि MCC ने “बन्नी हॉप” नियम के अनुसार सीमा रेखा के पार से छलांग लगाने के बाद गेंद के साथ दूसरी बार संपर्क बनाने के लिए किसी भी फील्डर को फील्ड ऑफ प्ले में आना होगा अन्यथा उसे बाउंड्री मान लिया जाएगा।

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