Real Money Gaming Ban Bill india: भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार पिछले कुछ सालों में बेहद तेजी से बढ़ा है। लाखों यूजर्स रोज़ाना ड्रीम11, MPL और पोकर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर पैसा लगाकर गेम खेलते हैं। लेकिन अब सरकार ने इस इंडस्ट्री पर बड़ा और सख्त कदम उठाया है। Real Money Gaming Ban Bill 2025 गुरुवार को राज्यसभा से पास हो चुका है और अब इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह बिल कानून बन जाएगा और पूरे देश में लागू हो जाएगा।
ड्रीम11 और MPL जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सीधा असर
इस बिल का सबसे बड़ा असर देश की उन कंपनियों पर होगा, जो अपने यूजर्स को “रियल मनी गेमिंग” यानी पैसों पर आधारित खेल खेलने की सुविधा देती हैं। Dream11 और MPL जैसी कंपनियां करोड़ों का कारोबार करती रही हैं। इनके लिए क्रिकेट, फुटबॉल या अन्य फैंटेसी गेम्स ही सबसे बड़ा रेवेन्यू सोर्स हैं। लेकिन अब जब यह कानून लागू हो जाएगा, तो इनका मुख्य बिज़नेस मॉडल ही खत्म हो सकता है।
सरकार का कड़ा रुख और कारण
राज्यसभा में बिल पास होते समय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ कहा कि जैसे पहले चिट फंड्स ने परिवारों को बर्बाद किया था, वैसे ही अब ऑनलाइन मनी गेम्स समाज के लिए खतरा बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि कई परिवार कर्ज और लत की वजह से टूट चुके हैं, इसलिए संसद की जिम्मेदारी है कि ऐसे गलत प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून कंसल्टेशन या लंबी प्रक्रिया के लिए नहीं है, बल्कि सीधे प्रतिबंध (Prohibition) के लिए है। यानी जैसे ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिलेगी, यह कानून तुरंत लागू हो जाएगा और पूरे देश में मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को बंद करना होगा।
विपक्ष का हंगामा लेकिन बिल पास
बिल पास करते समय विपक्षी सांसदों ने संसद में जमकर नारेबाज़ी की। CPI(M) के सांसद जॉन ब्रिटास और वी. सिवदासन ने बिल में संशोधन की कोशिश की, लेकिन उन्होंने ज्यादातर वक्त “वोट चोरी” के आरोप लगाने में ही लगाया। राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने साफ कर दिया कि ये बयान रिकॉर्ड में शामिल नहीं होंगे। इसके बावजूद सरकार ने बिल को ध्वनिमत से पास करवा लिया।
इंडस्ट्री में हलचल और कंपनियों की परेशानी
इस कानून से पूरी Real Money Gaming इंडस्ट्री हिल चुकी है। कई कंपनियां सरकार से राहत की अपील कर रही हैं।
Probo, जो यूजर्स को अलग-अलग घटनाओं पर पैसों से दांव लगाने का मौका देता था, ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए अपना मनी गेमिंग प्रोडक्ट बंद करने की घोषणा कर दी।
Nazara Technologies, जिसने PokerBaazi में ₹800 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है, उसके शेयरों में 2% की गिरावट आई। जब से यह बिल लोकसभा में आया है, कंपनी के शेयर करीब 15% टूट चुके हैं। हालांकि Nazara ने साफ किया है कि उनका सीधा बिज़नेस RMG से जुड़ा नहीं है, सिर्फ PokerBaazi में उनकी हिस्सेदारी है।
Delta Corp Ltd, जो Adda52 पोकर प्लेटफॉर्म का मालिक है, उसके शेयर भी 3.14% गिर गए।
ई-स्पोर्ट्स को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने यह भी साफ किया है कि यह बिल सिर्फ उन गेम्स पर रोक लगाएगा जिनमें पैसों का लेन-देन और सट्टेबाज़ी शामिल है। यानी ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेम्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके लिए युवा मामले और खेल मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मिलकर काम करेंगे। सरकार चाहती है कि गेमिंग को स्पोर्ट्स और टैलेंट की दिशा में बढ़ावा मिले, न कि जुए और सट्टे की तरह।
यूजर्स और कंपनियों पर असर
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस बिल का असर आम यूजर्स और कंपनियों पर कैसा होगा। जिन यूजर्स की रोज़ाना की आदत बन चुकी थी कि वे फैंटेसी गेम्स या मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर पैसे लगाकर खेलें, उनके लिए यह बड़ा झटका होगा। वहीं, कंपनियों को अपने बिज़नेस मॉडल को बदलना होगा। अगर वे आगे चलकर टिकना चाहती हैं, तो उन्हें स्किल-बेस्ड ई-स्पोर्ट्स, स्ट्रीमिंग या गेम डेवलपमेंट की ओर रुख करना होगा।
Real Money Gaming Ban Bill 2025
भारत के गेमिंग सेक्टर में एक ऐतिहासिक बदलाव लाने वाला है। जहां लाखों यूजर्स और कंपनियां इससे प्रभावित होंगी, वहीं सरकार का कहना है कि यह कदम परिवारों और समाज को बर्बाद होने से बचाने के लिए बेहद जरूरी है। अब सभी की निगाहें राष्ट्रपति की मंजूरी पर हैं। जैसे ही यह बिल कानून बनेगा, भारत में ऑनलाइन मनी गेमिंग का भविष्य पूरी तरह बदल जाएगा और एक नया अध्याय शुरू होगा – जिसमें जुआ और सट्टा खत्म होगा और ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा।
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