RCB vs GG: आरसीबी बनाम गुजरात के मैच में गुजरात की टीम ने 6 विकेट से मैच को जीत लिया। गुजरात वूमेंस ने टॉस जीतकर बेंगलुरु को पहले बल्लेबाजी करने का नेवता दिया था।
RCB vs GG: गुजरात ने आरसीबी को उन्हीं के ग्राउंड पर पटक कर रख दिया
बेंगलुरु की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 125 रन ही बना पाई। गुजरात ने पहले ही ओवर में स्मृति मंधाना के साथी डैनी को डाटीन ने एलपीयू डब्लू करके पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। उसके बाद आरसीबी की दिग्गज आलराउंडर क्रिज पर एलिस पैरी आई। यह भी कुछ खास नहीं कर पाए दूसरी ओवर के लास्ट गेंद पर गुजरात के कप्तान गार्डनर ने इनको तंवर के हाथों कैच आउट करा कर वापस भेज दिया। यह 0 रन पर ही आउट हो गयी। आरसीबी की कैप्टन मंधानाने पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन वह भी पावर प्ले के लास्ट ओवर में आउट हो गई और उनके टॉप 3 बल्लेबाज पावरप्ले में ही वापस पवेलियन लौट गए। कनिका आहूजा और राघवी बिष्ट ने थोड़ी देर परी को संभाला। आरसीबी की तरफ से आहूजा ने सर्वाधिक 33 रन बनाएं।
RCB की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज
आरसीबी की तरफ से आहूजा ने सबसे ज्यादा रन बनाएं इन्होंने 28 गेंदों का सामना करते हुए एक चौका और दो छक्को की मदद से 33 रन बनाएं। इन्होने टीम को मुश्किल स्थिति से निकाल कर थोडा सा मैच को आगे बढाया और टीम को 125 रन तक पहुचाया।
गुजरात की टीम से ओपनिंग करने उतरी बेथ मूनी और हेमलता जो की धीमी शुरुआत की थी ऐसा लग रहा था कि बेंगलुरु मैच में वापसी कर लेगा। रेणुका सिंह ठाकुर ने गुजरात के दोनों ओपनर को टिकने का कोई मौका नहीं दिया विकेट थोड़े देर से आई लेकिन उनके साथ बाकी गेंदबाज भी रन बनाने का कोई मौका नहीं दे रहे थे। बेंगलुरु ने गुजरात के टॉप 3 बल्लेबाजों को सस्ते में पवेलियन भेज दिया था और मैच में वापसी भी कर लिया था लेकिन गुजरात की कप्तान गार्डनर और लिच्फिल्ड़ ने ताबड़तोड़ पारी खेलकर मैच को एक तरफा कर दिया। दोनों बैट्समैन ने बेंगलुरु के बालरो को जमकर धुलाई की और मैच को 16.3 ओवर में ही जीत लिया।
गुजरात के तीन विकेट गिरने के बाद ऐसा लग रहा था कि बेंगलुरु मैच में वापसी कर लेगा लेकिन गुजरात के कप्तान गार्डनर ने 31 गेंद में 6 चौको और 3 छक्को की मदद से 58 रन बनाकर मैच को एक तरफ कर दिया।
Devon Conway Biography डेवोन कॉनवे का क्रिकेट करियर बहुत कठिनाइयो के सामना करने के बाद बना है, जो संघर्ष इन्होने ने किया ओ काबिले तारीफ है। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जन्मे कॉनवे ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत गौटेंग के लिए 2017 में की थी।
Devon Conway Biography: प्रारंभिक करियर और दक्षिण अफ्रीका से न्यूजीलैंड तक का सफर
जब उन्होंने पहली बार फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में डबल सेंचुरी बनाई। इस पारी ने उन्हें क्रिकेट जगत में एक मजबूत पहचान दिलाई। इसके बाद, उन्होंने 2018 में न्यूजीलैंड जाने का निर्णय लिया और वेलिंग्टन से अनुबंध हासिल किया। और वहा चले गये, उसके बाद न्यूजीलैंड के लिए खेलना शुरू किये।
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन
न्यूजीलैंड में आने के बाद, कॉनवे ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और 2019 में उन्होंने प्लंकेट शील्ड में कैन terbury के खिलाफ नाबाद 327 रन बनाए, उसके बाद इनके अंदर जूनून आता गया और अपने खेल में महारत हासिल करते गये । जो 327 रन बनाये थे वो न्यूजीलैंड के फर्स्ट-क्लास क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बन गया। इसके बाद, कॉनवे ने सुपर स्मैश, फोर्ड ट्रॉफी और प्लंकेट शील्ड जैसी प्रमुख घरेलू प्रतियोगिताओं में अपने शानदार प्रदर्शन से खुद को साबित किया और 2020 में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम में स्थान हासिल किया। हासिल करने के बाद उन्होंने न्यूजीलैंड टीम की कई बार अपने दम पर जिताया।
न्यूजीलैंड टीम में पदार्पण और अंतरराष्ट्रीय सफलता
न्यूजीलैंड के लिए खेलने का उनका सपना 2020 में पूरा हुआ था , जब 29 साल की उम्र में वह टीम में शामिल हुए। इसके बाद, उन्होंने अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मैच में खुद को एक मजबूत और भरोसेमंद बल्लेबाज साबित किया। 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू पर कॉनवे ने 200 रन बनाकर इतिहास रच दिया और वह टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू पर डबल सेंचुरी बनाने वाले न्यूजीलैंड के दूसरे बल्लेबाज बन गए। ऐसे रिकॉर्ड उन्होंने गरेलू मैच में भी बनाया था। इसके अलावा, कॉनवे ने पांच टेस्ट मैचों में लगातार अर्धशतक बनाए, जिनमें से दो शतक भी थे। यह बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेट कीपिंग भी करते थे।
2022 में, कॉनवे ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन पूरे किए, जो उन्होंने केवल 19 पारियों में किया। इसके अलावा, 2021 के टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार 92 रन बनाए, हालांकि न्यूजीलैंड का अभियान सेमीफाइनल में समाप्त हो गया।
2023 कॉनवे के लिए एक बेहद सफल साल साबित हुआ। इस साल इन्होने वनडे विश्व कप के पहले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 152 रन की शानदार पारी खेली, जिससे न्यूजीलैंड को एक बड़े अंतर से जीत मिली। इसके अलावा, आईपीएल 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए उन्होंने 672 रन बनाए, और उनकी स्ट्राइक रेट 139.7 रही। उनकी शानदार बैटिंग ने चेन्नई को आईपीएल 2023 का खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। ये जहाँ जहाँ खेले वहा अपने एक रिकॉर्ड जरुर बना देते थे।
खेलने के तरीके
उनकी खेल भावना, संयम और हमलावर रवैया उन्हें एक मजबूत बल्लेबाज बनाता है। चाहे वह किसी भी स्थिति में खेल रहे हों, उन्होंने हमेशा टीम के लिए अपने सर्वोत्तम योगदान देने का प्रयास किया है। और बहुत सारे मैच में इन्होने टीम को जीत भी दिलाया है।
2024 तक, डेवोन कॉनवे की अनुमानित कुल संपत्ति लगभग $2.4 मिलियन थी, जो उनके शानदार क्रिकेट करियर और आईपीएल जैसी प्रमुख लीगों में खेलने के कारण लगातार बढ़ी है। आईपीएल 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ उनके प्रदर्शन ने उन्हें वैश्विक स्तर पर एक और पहचान दिलाई, और उनकी कुल संपत्ति में और वृद्धि होने की संभावना है। आईपीएल 2025 में चेन्नई ने इन पर 6 करोड़ 25 लाख रूपये खर्च की है। यह पैसा भी इनके सम्पत्ति में इजाफा करेगा। 2025 में तीसरे ऐसे खिलाडी है जिन पर चेन्नई ने इतना पैसा खर्चा किया है।
FAQ
क्या डेवोन कॉनवे आईपीएल 2025 खेलेंगे?
हाँ डेवोन कॉनवे 2025 का आईपीएल खेलेंगे उनको चेन्नई ने 6 करोड़ 25 लाख में फिर से अपने टीम में रखा है।
क्या कॉनवे एक अच्छे बल्लेबाज हैं?
हाँ डेवोन कॉनवे एक अच्छे बल्लेबाज है उन्होंने अपने दम पर चेन्नई को कई मैच जितवाए है। और अपने के लिए भी काफी योगदान दिए है।
WPL 2025 के चौथे मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) महिला टीम ने विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) 2025 में अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए दिल्ली कैपिटल्स (DC) को आठ विकेट से बड़ी मात दी। इस जीत के साथ ही आरसीबी ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की और पॉइंट्स टेबल में 4 अंको के साथ पहले स्थान पर अया गयी।
WPL 2025: स्मृति मंधाना के तूफान में उड़ी दिल्ली, RCB ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की
दिल्ली की बल्लेबाजी में नहीं दिखा दमखम
दिल्ली कैपिटल्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 19.3 ओवरों में 141 रन बनाए, जो कि आरसीबी की मजबूत बैटिंग लाइनअप के सामने छोटा स्कोर साबित हुआ। दिल्ली को पहले ही ओवर में बड़ा झटका लगा, जब शेफाली वर्मा बिना खाता खोले पवेलियन लौट गईं।
इसके बाद जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान मेग लैनिंग ने दूसरे विकेट के लिए 59 रन जोड़े, लेकिन जैसे ही यह साझेदारी टूटी, दिल्ली की पारी लड़खड़ा गई। जेमिमा ने 22 गेंदों पर 34 रन बनाए, जबकि लैनिंग 19 गेंदों पर 17 रन ही बना सकीं। एनाबेल सदरलैंड (19), मारिजाने कैप (12), सारा ब्रायस (23) और शिखा पांडे (14) कुछ रन जोड़ने में सफल रहे, लेकिन टीम बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच सकी।
RCB के गेंदबाजो ने किया कमाल
आरसीबी की ओर से गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। रेणुका सिंह और जॉर्जिया वारहम ने तीन-तीन विकेट झटके, जबकि किम गार्थ और एकता बिष्ट ने दो-दो विकेट लिए।
दोनों ओपनर की साझेदारी ने मैच को किया एक तरफ़ा
141 रनों का लक्ष्य हासिल करने के लिए आरसीबी की सलामी जोड़ी स्मृति मंधाना और डेनियल वायट ने आक्रामक अंदाज में शुरुआत की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 107 रनों की जबरदस्त साझेदारी कर दिल्ली के गेंदबाजों को मैच से पूरी तरह बाहर कर दिया। पिछले मैच में दोनों ओपनर कुछ खास नहीं कर पाई थी, सस्ते में वापस चली गयी थी।
यह साझेदारी डब्ल्यूपीएल इतिहास में दिल्ली के खिलाफ पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी बनी और आरसीबी के इतिहास में भी दूसरी सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप साबित हुई।
मंधाना ने 47 गेंदों पर 10 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 81 रनों की तूफानी पारी खेली, जिससे टीम की जीत लगभग तय हो गई थी। डेनियल वायट ने भी 33 गेंदों पर 42 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। हालांकि, वह अर्धशतक से चूक गईं और अरुंधति रेड्डी की गेंद पर जेमिमा रोड्रिग्स के हाथों कैच आउट हो गईं।
जब टीम को जीत के लिए सिर्फ नौ रनों की जरूरत थी, तब मंधाना भी आउट हो गईं। मंधाना पिच पर नाबाद नहीं रह पाई उसके बाद एलिसे पैरी (7*) और ऋचा घोष (11*) ने मिलकर टीम को 16.2 ओवरों में 8 विकेट रहते ही जीत दिला दी।
WPL में पुरे किये 500 रन RCB की क्वीन ने
इस शानदार पारी के साथ ही स्मृति मंधाना ने विमेंस प्रीमियर लीग में 500 रन भी पूरे कर लिए। मंधाना ने कहा, “बॉलर्स ने शानदार काम किया, 150 के अंदर रोकना हमारे लिए फायेदेमंद था। इस ग्राउंड पर हालात हर बार अलग होते हैं, लेकिन हमारी रणनीति काम आई। डेनियल वायट ने शानदार बल्लेबाजी की और हमारी शुरुआत बेहतरीन रही।”
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे एकता बिष्ट ने पहले ओवर में हिट लगने के बावजूद बेहतरीन वापसी की।
डेनियल वायट ने भी मंधाना के साथ अपनी साझेदारी पर खुशी जताते हुए कहा, “स्मृति के साथ बैटिंग करना हमेशा मजेदार रहता है। उन्होंने मुझे शांत रखा और उनकी कोचिंग से मुझे मदद मिली। हम साथ में साउदर्न ब्रेव के लिए भी खेलते हैं, और यह फ्रेंचाइजी शानदार है।”
RCB ने इस मैच में खेल के तीनों विभागों गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में दिल्ली को पूरी तरह पछाड़ दिया। यह जीत दिखाती है कि RCB इस सीजन में खिताब की प्रबल दावेदार बन चुकी है। हालांकि, टूर्नामेंट अभी लंबा है और अन्य टीमें उनकी कमजोरियों की तलाश में रहेंगी।
मेग लैनिंग ने अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा, हमने अच्छी शुरुआत की, लेकिन मिडल फेज में RCB ने हमें दबाव में डाल दिया। हमें जल्द ही वापसी करनी होगी और अगले मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।” अब देखने वाली बात होगी कि क्या RCB इस लय को बनाए रखती है या आने वाले मुकाबलों में कोई टीम उन्हें रोकने में कामयाब होती है।
क्या मंधाना अपनी इस फॉर्म को आगे भी जारी रख पाएंगी? हमें कमेंट में जरूर बताएं
न्यूज़ीलैंड के दिग्गज गेंदबाज टिम साउदी, जो हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, उनको पूरा भरोसा है कि उनकी टीम Champion Trophy 2025 में शानदार प्रदर्शन करेगी।
Champion Trophy 2025: न्यूज़ीलैंड के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी को पूरा भरोसा कि चैंपियंस ट्रॉफी में हमारी टीम बनेगी चैंपियन
साउदी इस बार टूर्नामेंट में खेलते नहीं दिखेंगे, बल्कि दर्शक के रूप में अपनी टीम को सपोर्ट करते दिखेंगे। 2024 के अंत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बावजूद, वह अभी भी अपनी टीम की के साथ उत्साह बनाए हुए हैं और उन्हें भरोसा है कि मिचेल सैंटनर की अगुवाई में न्यूज़ीलैंड बेहतरीन खेल दिखाएगा, और ट्राफी अपने नाम करेगा।
ट्राई सीरीज़ से बढ़ा आत्मविश्वास
साउदी ने हाल ही में पाकिस्तान में हुई ट्राई-नेशन सीरीज़ में न्यूज़ीलैंड की जीत को टीम के लिए फायदेमंद बताया।
उन्होंने कहा, “टीम ने जिस तरह से खेला, अलग-अलग खिलाड़ियों ने जब ज़रूरत पड़ी तब जिम्मेदारी उठाई। यह अनुभव चैंपियंस ट्रॉफी में बहुत काम आएगा। टूर्नामेंट से पहले जीत की लय में रहना और उन परिस्थितियों में खेल चुके होने का फायदा मिलेगा।” सोर्स ICC
अनुभवी गेंदबाजों की कमी, लेकिन नए खिलाड़ियों पर भरोसा
न्यूज़ीलैंड की तेज़ गेंदबाजी में इस बार अनुभव नहीं दिख रहा है, क्योंकि खुद साउदी और ट्रेंट बोल्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं। इसके बावजूद, साउदी को यंग पेसर्स विल ओ’रूर्के और नाथन स्मिथ पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा, “ट्रेंट और मेरे बिना यह टीम थोड़ी अलग होगी, लेकिन यही तो मौकों का खेल है। मैं देखना चाहता हूं कि ये युवा गेंदबाज कैसा प्रदर्शन करते हैं। विल ओ’रूर्के टेस्ट क्रिकेट में अपनी काबिलियत दिखा चुके हैं और उनके पास इंटरनेशनल क्रिकेट में सफल होने की सभी खूबियां हैं। नाथन स्मिथ में आत्मविश्वास झलकता है और इस स्तर पर यही सबसे ज़रूरी चीज़ होती है।” सोर्स ICC
साउदी को भरोसा है कि केन विलियमसन और कप्तान मिचेल सैंटनर टीम की अगुवाई करेंगे।
उन्होंने कहा, “केन शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने पिछले कुछ सालों में ज़्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन वापसी के बाद उन्होंने दो शानदार पारियां खेली हैं। जब वह मैदान पर होते हैं, तो उनका अनुभव झलकता है और वह पूरे खेल को नियंत्रित करते हैं।”
“मिचेल सैंटनर ने कप्तानी में शानदार काम किया है। वह बहुत शांत रहते हैं और उनकी सोच बहुत स्पष्ट होती है। वह गेंदबाज़ी में तो बेहतरीन हैं ही, साथ ही जब भी ज़रूरत होती है, बल्ले से भी योगदान देते हैं।” सोर्स ICC
क्या दोहरा पाएंगे 2000 का इतिहास
साउदी को उम्मीद है कि न्यूज़ीलैंड इस बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर 2000 के इतिहास को दोहराएगा।
उन्होंने कहा कि “अगर न्यूज़ीलैंड के पिछले रिकॉर्ड को देखें, तो वे हमेशा आईसीसी टूर्नामेंट में मजबूत दावेदारी पेश करते हैं। इस टूर्नामेंट में अगर टीम लय में आ जाए, तो कुछ भी हो सकता है। मुझे उम्मीद है कि ब्लैककैप्स इस बार फाइनल तक पहुंचेंगे और ट्रॉफी उठाएंगे।”
न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ी इस टूर्नामेंट में उनकी सबसे बड़ी ताकत हो सकती है। केन विलियमसन के अलावा, डेवोन कॉनवे, डेरिल मिचेल, ग्लेन फिलिप्स और विल यंग जैसे खिलाड़ी बड़े शॉट खेलने की क्षमता रखते हैं।
डेवोन कॉनवे अपनी तकनीक और स्थिरता के लिए जाने जाते हैं, जबकि डेरी मिचेल और फिलिप्स जैसे बल्लेबाज किसी भी समय आक्रामक रुख अपना सकते हैं। मिचेल सैंटनर फिनिशर की भूमिका में शानदार योगदान दे सकते हैं।
अगर न्यूज़ीलैंड की टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर लय में रहा, तो वह किसी भी लक्ष्य का पीछा कर सकते है या फिर बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन पाकिस्तान में हो रहा है, जो न्यूज़ीलैंड के लिए एक नई चुनौती होगी। पाकिस्तानी पिचें आमतौर पर स्पिनर्स और तेज़ गेंदबाज़ों, दोनों के लिए मददगार होती हैं।
टिम साउदी ने इस पर अपनी राय रखते हुए कहा कि, “ट्राई-नेशन सीरीज़ का अनुभव न्यूज़ीलैंड को पाकिस्तान की परिस्थितियों में खेलने के लिए तैयार करेगा। वहां की पिचें तेज़ गेंदबाज़ों और स्पिनर्स, दोनों के लिए मददगार हो सकती हैं।”
अगर न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज इन परिस्थितियों में जल्दी ढल गए, तो वे टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
न्यूज़ीलैंड की कप्तानी और रणनीति
मिचेल सैंटनर पहली बार आईसीसी के किसी बड़े टूर्नामेंट में कप्तानी कर रहे हैं। टिम साउदी को भरोसा है कि उनकी शांत सोच और तीनों विभागों (बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग) में योगदान देने की क्षमता टीम के लिए फायदेमंद होगी।
सैंटनर की कप्तानी में टीम किस तरह खेलती है, यह टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन का एक अहम पहलू होगा। न्यूज़ीलैंड आमतौर पर एक शांत और रणनीतिक क्रिकेट खेलता है, जहाँ वे पहले अपनी बॉलिंग से विपक्षी टीम पर दबाव डालने की कोशिश करते हैं।
आईसीसी टूर्नामेंट्स में ट्रैक रिकॉर्ड
आईसीसी इवेंट्स में न्यूज़ीलैंड हमेशा ‘अंडरडॉग’ से लेकर फाइनलिस्ट तक का सफर तय करता है।
2015 वनडे वर्ल्ड कप – फाइनल तक पहुँचे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गए।
2019 वनडे वर्ल्ड कप – सुपर ओवर के रोमांचक मुकाबले में इंग्लैंड से फाइनल हारे।
2021 टेस्ट चैंपियनशिप – भारत को हराकर पहली बार चैंपियन बने।
2023 वनडे वर्ल्ड कप – सेमीफाइनल तक पहुँचे, लेकिन भारत से हार गए।
हर बार न्यूज़ीलैंड की टीम शानदार टीम वर्क और अनुशासन के दम पर आगे बढ़ती है। इस बार भी उनके पास इतिहास रचने का मौका है।
इंग्लैंड की टीम ने क्रिकेट के इतिहास में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। वे वनडे और टी20 वर्ल्ड कप जीत चुके हैं, लेकिन अब उनकी नजर Champions Trophy 2025 पर है, जिसे वे अभी तक नहीं जीत पाए हैं। इस बार जोस बटलर की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम टूर्नामेंट में अपना पूरा दमखम लगाने के लिए तैयार है।
Champions Trophy 2025: दो बार हारने के बाद क्या इंग्लैंड इस बार इतिहास रच पाएगा, देखिये मैकुलम ने क्या कहा
इंग्लैंड दो बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंच चुका है, लेकिन 2004 में माइकल वॉन और 2013 में एलिस्टेयर कुक की कप्तानी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब एक बार फिर टीम के पास मौका है कि वह अपनी पुरानी गलतियों को सुधारकर पहली बार इस ट्रॉफी को अपने नाम करे।
हालांकि, इंग्लैंड की वनडे फॉर्म हाल के दिनों में कुछ खास नहीं रही। 2023 वनडे वर्ल्ड कप में वे सातवें स्थान पर रहे और इसके बाद से उन्होंने वनडे में लगातार चार सीरीज गंवाई हैं। लेकिन इन नतीजों की एक बड़ी वजह यह रही कि इंग्लैंड ने कई मैचों में अपने प्रमुख खिलाड़ियों को नहीं खिलाया। लेकिन इस बार चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगा।
कोच मैकुलम का जलवा
इंग्लैंड के नए व्हाइट-बॉल कोच ब्रेंडन मैकुलम ने टेस्ट क्रिकेट में टीम को एक नई पहचान दी है। अब देखना होगा कि क्या वे वनडे में भी यही करिश्मा दोहरा सकते हैं। उनके आक्रामक कोचिंग स्टाइल के चलते इंग्लैंड की टीम आत्मविश्वास से भरी होगी।
बैटिंग लाइनअप
इंग्लैंड के पास एक मजबूत बैटिंग है। टीम के मुख्य बल्लेबाज जोस बटलर, जो रूट और युवा प्रतिभा हैरी ब्रूक हैं। इनके अलावा बेन डकेट और फिल साल्ट जैसे खिलाड़ी भी टीम को मजबूती प्रदान करेंगे।
घातक गेंदबाजी अटैक
गेंदबाजी में इंग्लैंड के पास तेज गेंदबाजों की कोई कमी नहीं है। जोफ्रा आर्चर, गस एटकिंसन, ब्रायडन कार्स, मार्क वुड और साकिब महमूद अपनी रफ्तार से विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। लेकिन असली फोकस रहेगा अनुभवी स्पिनर आदिल राशिद पर, जो पाकिस्तान और यूएई की पिचों पर अहम भूमिका निभा सकते हैं, और टीम को जीत दिला सकते है।
इंग्लैंड ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार शुरुआत की थी और ग्रुप स्टेज में अपने तीनों मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन सेमीफाइनल में उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 211 रन बनाए थे, जिसे पाकिस्तान ने आसानी से 8 विकेट शेष रहते हासिल कर लिया था।
इंग्लैंड की सबसे बड़ी कमजोरी दबाव के समय कमजोर प्रदर्शन करना रही है। सेमीफाइनल में उनकी बल्लेबाजी पूरी तरह विफल रही और टीम को बाहर होना पड़ा। 2017 के टूर्नामेंट में इंग्लैंड के लिए जो रूट, बेन स्टोक्स और एलेक्स हेल्स ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन टीम बड़े मुकाबलों में अच्छा खेल नहीं दिखा पाई।
इंग्लैंड की इस टीम में एकमात्र अनुभवी स्पिनर के रूप में आदिल राशिद मौजूद हैं। मोइन अली के संन्यास के बाद अब उन पर पूरी स्पिन जिम्मेदारी आ गई है।
पाकिस्तान और यूएई की पिचें आमतौर पर बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जाती हैं, लेकिन राशिद अपनी स्पिन के जादू से बीच के ओवरों में रन रोकने और विकेट निकालने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। वह इंग्लैंड के सबसे सफल वनडे स्पिनर हैं और उनके अनुभव से टीम को काफी फायदा हो सकता है।
भारत: भारत की टीम संतुलित है, जिसमें मजबूत बल्लेबाजी और शानदार स्पिन आक्रमण है। विराट कोहली, रोहित शर्मा और मोहम्मद शम्मी जैसे खिलाड़ी इंग्लैंड के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया: स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड और ग्लेन मेक्सवेल के साथ ऑस्ट्रेलिया हमेशा एक खतरनाक टीम होती है। उनका तेज आक्रमण इंग्लैंड के बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकता है।
पाकिस्तान: घरेलू परिस्थितियों में पाकिस्तान की टीम इंग्लैंड के लिए बड़ा खतरा हो सकती है। बाबर आजम, शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ जैसे खिलाड़ी इंग्लैंड को कड़ी टक्कर देंगे।
दक्षिण अफ्रीका: दक्षिण अफ्रीका के पास कगिसो रबाडा और लुंगी एनगीडी जैसे तेज गेंदबाज हैं, जो इंग्लैंड की बल्लेबाजी को परेशान कर सकते हैं।
न्यूजीलैंड: मिचेल शैटनर के नेतृत्व में न्यूजीलैंड एक मजबूत टीम मानी जाती है, और उनके ऑलराउंडर इंग्लैंड के लिए खतरा बन सकते हैं।
ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 तक साउथ अफ्रीका को एक ICC खिताब की तलाश करते हुए 27 साल हो चुके हैं। आखिरी बार उन्होंने 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, और अब 2025 में वे इसको दोहराने के लिए पूरी ताकत झोंकने को तैयार हैं।
ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025: क्या साउथ अफ्रीका 27 साल बाद इतिहास रच पायेगा
क्या टेम्बा बावुमा की कप्तानी में साउथ अफ्रीका इतिहास रच पाएगा? आइए जानते हैं उनकी तैयारी और टीम की ताकत।
साउथ अफ्रीका की ICC रैंकिंग और उनके मैच
ICC ODI रैंकिंग में 5वें स्थान पर मौजूद साउथ अफ्रीका को आसान राह नहीं मिलने वाली। उन्हें ग्रुप स्टेज में अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ खेलना होगा और उनसे जितना होगा।
पहला मैच: 21 फरवरी को अफगानिस्तान के खिलाफ कराची में। दूसरा मैच: 25 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रावलपिंडी में। तीसरा मैच: 1 मार्च को इंग्लैंड के खिलाफ कराची में।
अगर वे इन मैचों में दमदार प्रदर्शन करते हैं, तो सेमीफाइनल तक का रास्ता खुल सकता है।
ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में साउथ अफ्रीका के पास संतुलित टीम, दमदार गेंदबाजी, और विस्फोटक बल्लेबाजी है। लेकिन इतिहास उनके खिलाफ है वे अक्सर महत्वपूर्ण मौकों पर दबाव में आ जाते हैं। और मैच गवा देते है। अभी पिछले साल हुए t20 वर्ल्ड कप में भारत से जीता हुआ फाइनल मैच हार गये थे।
अगर वे मानसिक मजबूती बनाए रखते हैं और अपनी ताकत के हिसाब से खेलते हैं, तो 27 साल बाद एक और ICC ट्रॉफी उनके नाम हो सकती है
आपके अनुसार क्या साउथ अफ्रीका इस बार इतिहास रचेगा? कमेंट में बताएं!
RCB vs GG Women’s Premier League (WPL) 2025 का सुरुआत धमाकेदार अंदाज में हुआ, जहां रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और गुजरात जायंट्स (GG) के बीच खेले गए पहले मुकाबले ने हर क्रिकेट फैन का दिल जीत लिया। यह मुकाबला कोटाम्बी स्टेडियम, वडोदरा में खेला गया और इस मैच ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए।
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मैच का संक्षिप्त विवरण
मैच: गुजरात जायंट्स vs रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर स्थान: कोटाम्बी स्टेडियम, वडोदरा तारीख: [14-02-2025] हाइलाइट: WPL के इतिहास में पहली बार 200+ रन का सफल चेज़ और ऋचा घोष ने इस मैच में सबसे तेज (WPL) 50 लगाने का रिकार्ड्स अपने नाम किया।
गुजरात की कप्तान गार्डनर की धुआंधार पारी
पहले बल्लेबाजी करने उतरी जायंट्स की शुरुआत शानदार रही। कप्तान एश्ली गार्डनर ने 37 गेंदों में 79 रन की शानदार पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 4 छक्के शामिल थे। उनके साथ अन्य बल्लेबाजों ने भी छोटी मगर उपयोगी पारियां खेलीं, जिससे टीम ने 20 ओवरों में 201/5 का मजबूत स्कोर खड़ा किया।
ऋचा घोष और एलीस पेरी की बदौलत RCB ने की ऐतिहासिक रनचेज
202 रन का पीछा करने उतरी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की शुरुआत अच्छी नहीं रही। गुजरात की कप्तान एश्ली गार्डनर ने अपने पहले ही ओवर में RCB के दोनों ओपनर्स को आउट कर दिया, जिससे टीम दबाव में आ गई। लेकिन इसके बाद शुरू हुआ RCB के बल्लेबाजों का धमाका पहले पैरी ने किया उसके बाद ऋचा घोष और कनिका ने दिखाया अपना जलवा।
ऋचा घोष और एलीस पेरी की जोड़ी ने गुजरात के गेंदबाजों की जमकर धुलाई की।
ऋचा घोष ने सिर्फ 27 गेंदों में 64 रन की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 6 छक्के और 5 चौके शामिल थे।
एलीस पेरी ने 34 गेंदों में 57 रन बनाकर टीम को जीत के करीब पहुंचाया।
मैच हाईलाइट
RCB बनी WPL के इतिहास में 200+ रन चेज़ करने वाली पहली टीम।
ऋचा घोष ने WPL 2025 का सबसे तेज़ अर्धशतक लगाया (27 गेंदों में 50+ रन)।
एश्ली गार्डनर का ऑलराउंड परफॉर्मेंस (79 रन + 2 विकेट) WPL के बेस्ट ऑलराउंड प्रदर्शन में से एक रहा।
महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2025 का यह पहला मुकाबला रोमांच से भरपूर रहा। RCB ने दिखा दिया कि उनकी टीम इस सीज़न में खिताब की प्रबल दावेदार है। ऋचा घोष और एलीस पेरी की शानदार बल्लेबाजी ने साबित कर दिया कि महिला क्रिकेट का स्तर अब नए ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे के मैचों में कौन सी टीम बाज़ी मारती है!
क्या आप इस मैच से जुड़े किसी और दिलचस्प पहलू पर चर्चा करना चाहते हैं? कमेंट में बताएं!
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने IPL 2025 के लिए रजत पाटीदार को नया कप्तान नियुक्त किया है। 31 वर्षीय यह बल्लेबाज अब RCB का नेतृत्व करने वाले आठवें खिलाड़ी बन गया है। फ्रेंचाइजी ने गुरुवार (13 फरवरी) को बेंगलुरु के KSCA स्टेडियम में हुए एक इवेंट के दौरान इसका निर्णय लिया।
IPL 2025 : रजत पाटीदार बने RCB के नए कप्तान, विराट और डु प्लेसिस के बाद टीम का नया लीडर
RCB ने क्यों बनाया नया कप्तान
RCB ने पिछले सीजन के कप्तान फाफ डु प्लेसिस को रिलीज कर दिया था, जिससे टीम को नए लीडर की जरूरत थी। शुरुआत में यह आस लगाए जा रहे थे कि विराट कोहली फिर से टीम की कमान संभाल सकते हैं, लेकिन फ्रेंचाइजी ने रजत पाटीदार को कप्तानी सौंपकर सबको चौका दिया है।
रजत पाटीदार कौन हैं और RCB के लिए क्यों अहम हैं? रजत पाटीदार 2021 से RCB का हिस्सा हैं और टीम के भरोसेमंद बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। उन्होंने अब तक 28 IPL मैचों में 158.85 के स्ट्राइक रेट से 799 रन बनाए हैं। स्पिन और पेस, दोनों के खिलाफ दमदार खेल दिखाने वाले इस खिलाड़ी को RCB ने 11 करोड़ में रिटेन किया था। विराट कोहली और यश दयाल के साथ वह टीम के तीन मुख्य रिटेंशन में से एक थे।
2016 में फाइनल तक का सफर तय किया, इसी सीजन में कोहली ने 973 रन बनाकर रिकॉर्ड कायम किया।
2020 और 2021 में टीम फिर से प्लेऑफ में पहुंची।
2023 में फाफ डु प्लेसिस की गैरमौजूदगी में तीन मैचों में कप्तानी की।
फाफ डु प्लेसिस (2022-2024)
2022-24 में RCB ने दो बार प्लेऑफ में जगह बनाई।
अब 2025 से रजत पाटीदार टीम की बागदौर संभालेंगे, और उनके सामने सबसे बड़ा लक्ष्य होगा RCB को पहली बार IPL चैंपियन बनाना।
घरेलू क्रिकेट में कप्तानी करने का अनुभव
हालांकि यह पाटीदार की पहली IPL कप्तानी होगी, लेकिन घरेलू क्रिकेट में वह पहले ही कप्तानी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश को 2024-25 के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में लीड किया था।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (T20) में शानदार प्रदर्शन:
9 पारियों में 428 रन
औसत: 61.14
स्ट्राइक रेट: 186.08
विजय हजारे ट्रॉफी (वनडे) में भी शानदार फॉर्म:
226 रन
औसत: 56.50
स्ट्राइक रेट: 107.10
क्या पाटीदार बना पाएंगे RCB को चैम्पियन
RCB अब तक एक भी IPL ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। टीम 2016, 2011 और 2009 में फाइनल में जरूर पहुंची, लेकिन खिताब अपने नाम नहीं कर पाई। हालांकि, पिछले पांच सीजन में RCB चार बार प्लेऑफ में पहुंची है, जिसमें 2024 में आखिरी छह मैच जीतकर टॉप-4 में जगह बनाई थी, लेकिन एलिमिनेटर में हार गई थी।
अब RCB को उम्मीद होगी कि रजत की कप्तानी में टीम पहली बार चैंपियन बनने का सपना पूरा कर सके। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी, टीम में पुराना अनुभव और हालिया कप्तानी का प्रदर्शन टीम के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
WPL 2025 में कौन मार सकता है बाजी, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पिछले सीजन (2024) में महिला प्रीमियर लीग (WPL) का खिताब जीतकर इतिहास रचा था। यह जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि 2023 सीजन में लगातार पांच हार झेलने के बाद टीम ने जबरदस्त वापसी की और पिछले ही साल चैंपियन बनी। लेकिन 2025 सीजन की शुरुआत से पहले ही टीम को कई बड़े झटके लग चुके हैं।
WPL 2025: स्मृति मंधाना की कप्तानी में RCB की टीम, क्या इस साल जीत पायेंगे फाइनल
कई अहम खिलाड़ी चोटिल हैं, कुछ क्रिकेट से ब्रेक पर हैं, और टीम को अपने स्क्वॉड में नए खिलाड़ियों को शामिल कर उन्हें जल्दी से एकजुट करना होगा। इस बार RCB के लिए सबसे बड़ी मुश्किल काम हो सकती है। टीम कॉम्बिनेशन को सही तरीके से तैयार करना। ऐसे में कप्तान स्मृति मंधाना की कप्तानी की असली परीक्षा होने वाली है।
WPL 2025 में RCB की सबसे बड़ी मुसीबत
टीम की सबसे बड़ी परेशानी उनकी प्लेइंग इलेवन को लेकर है।
खिलाड़ियों की चोटें और गैरमौजूदगी – सोफी मोलीन्यू चोट के कारण बाहर हैं, सोफी डिवाइन ने क्रिकेट से ब्रेक ले लिया है, और केट क्रॉस भी रिहैब के कारण इस सीजन में नहीं खेलेंगी।
स्पिन अटैक की मुश्किलें – पिछले सीजन में शानदार प्रदर्शन करने वाली श्रेयंका पाटिल (शिन इंजरी) और आशा सोभाना (घुटने की चोट) का खेलना तय नहीं है। इससे RCB को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
एलिसे पेरी का रोल – दिग्गज ऑलराउंडर एलिसे पेरी हाल ही में चोट से उबरी हैं और हो सकता है कि शुरुआत में वह केवल बल्लेबाज के रूप में खेलें।
नई खिलाड़ियों के साथ तालमेल – टीम ने मिनी ऑक्शन में कुछ नए चेहरे जोड़े हैं, जिन्हें जल्द से जल्द टीम के साथ तालमेल बिठाना जरुरी होगा। वरना इस कारण से RCB टीम को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
इस बार RCB के लिए सीजन आसान नहीं रहने वाला, लेकिन अगर स्मृति मंधाना की कप्तानी में टीम सही रणनीति के साथ खेले, तो वे अपने खिताब का बचाव कर सकती हैं।
RCB ने इस बार मिनी ऑक्शन में प्रेमा रावत पर सबसे बड़ा दांव लगाया, जो एक शानदार लेग-स्पिन ऑलराउंडर हैं। टीम ने उन्हें 1.2 करोड़ में खरीदा। इसके अलावा, उन्होंने तीन और युवा खिलाड़ियों को जोड़ा है।
जोशिथा वीजे – अंडर-19 वर्ल्ड कप विजेता
राघवी बिस्ट – भारतीय टीम में डेब्यू कर चुकी ऑलराउंडर
जग्रवी पवार – मुंबई की प्रतिभाशाली स्पिनर जो बल्लेबाजो को अपने स्पिन से काफी परेशान करती है।
डेनिएल व्याट-हॉज को प्री-ऑक्शन ट्रेड के जरिए यूपी वॉरियर्स से टीम में शामिल किया गया है।
RCB के लिए अहम खिलाड़ी
1. राघवी बिस्ट –
राघवी बिस्ट इस सीजन में RCB के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हो सकती हैं। वह एक आक्रामक मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैं और साथ ही तेज गेंदबाजी भी कर सकती हैं। हाल ही में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया A के खिलाफ लगातार तीन अर्धशतक लगाए और वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू मैच में नाबाद 31 रन की पारी खेली। वह ऋचा घोष के साथ निचले क्रम में उपयोगी साझेदारी कर सकती हैं।
2. डेनिएल व्याट-हॉज –
पहले ऐसा लग रहा था कि वह टीम की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पाएंगी, लेकिन चोटों और खिलाड़ियों की अनुपलब्धता के चलते अब उनके पास ओपनिंग करने का अच्छा मौका है।
3. एलिसे पेरी –
हालांकि, वह शुरू में सिर्फ बल्लेबाज की भूमिका में होंगी, लेकिन उनका अनुभव टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा।
RCB इस बार इकलौती ऐसी टीम है जिसे अपने चार ग्रुप स्टेज मैच घरेलू मैदान पर खेलने का मौका मिलेगा। टीम अपने अभियान की शुरुआत गुजरात जायंट्स के खिलाफ वडोदरा में करेगी। इसके बाद दिल्ली कैपिटल्स से भिड़ेगी। इसके बाद टीम अपने चार घरेलू मैच खेलेगी और फिर लखनऊ व मुंबई में यूपी वॉरियर्स और मुंबई इंडियंस के खिलाफ अपने अंतिम दो मुकाबले खेलेगी।
RCB को इस सीजन में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। चोटों और खिलाड़ियों की अनुपलब्धता ने उनकी राह मुश्किल बना दी है। लेकिन अगर स्मृति मंधाना अपनी शानदार फॉर्म जारी रखती हैं और टीम सही तालमेल बिठा लेती है, तो RCB को हराना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या RCB पिछली बार की तरह वापसी कर पाती है।
AUS vs Sl के पहले वनडे मैच में श्रीलंका के कप्तान चरिथ असलंका (127 रन, 126 गेंद) की जबरदस्त सेंचुरी और महीश तीक्ष्णा ने 40 रन देकर 4 विकेट लिए उनके घातक गेंदबाजी की बदौलत श्रीलंका ने कोलंबो में खेले गए पहले वनडे में ऑस्ट्रेलिया को 49 रनों से हरा दिया। यह जीत इसलिए खास रही क्योंकि एक समय श्रीलंका 55/5 के संकट में था, लेकिन असलंका की जुझारू पारी ने टीम को 214 रनों तक पहुंचा दिया। इसके बाद श्रीलंका के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया को 165 पर समेटकर जीत पक्की कर दी।
AUS vs Sl: असलंका की कप्तानी पारी ने ऑस्ट्रेलिया को दी मात
जब श्रीलंका की आधी टीम पवेलियन लौट गई
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। पहले ही ओवर में स्पेंसर जॉनसन ने पथुम निसंका को आउट कर दिया। इसके बाद भी विकेट गिरते रहे और 15वें ओवर तक स्कोर 55/5 हो गया। कमिंडु मेंडिस, कुसल मेंडिस और जनिथ लियानगे भी जल्दी पवेलियन लौट गए।
इसके बाद कप्तान असलंका ने पारी संभाली और दुनिथ वेल्लालागे (30 रन) के साथ मिलकर 67 रनों की साझेदारी की। हालांकि, जब ऐसा लगने लगा कि श्रीलंका संभल चुका है, तभी स्टीव स्मिथ ने स्लिप में शानदार कैच पकड़कर वेल्लालागे को वापस भेज दिया।
असलंका की कप्तानी पारी
असलंका ने एक छोर संभाले रखा और 71 गेंदों में अपनी फिफ्टी पूरी की। लेकिन नाथन एलिस ने लगातार दो विकेट लेकर श्रीलंका को फिर मुश्किल में डाल दिया और स्कोर 135/8 हो गया। इसके बाद असलंका ने आक्रामक रुख अपनाया और अकेले दम पर टीम को 200 के पार पहुंचाया। उन्होंने अपने अगले 50 रन सिर्फ 40 गेंदों में पूरे किए और अंतिम ओवरों में तेजी से रन बटोरते हुए श्रीलंका को 214 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से सीन एबॉट (3/61), हार्डी (2/13) और नाथन एलिस (2/23) ने शानदार गेंदबाजी की।
गेंदबाजों ने पलटवार
214 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत भी खराब रही। असिथा फर्नांडो ने दोनों सलामी बल्लेबाजों को सस्ते में आउट कर दिया। इसके बाद तीक्ष्णा ने कूपर कॉनॉली को पवेलियन भेजकर स्कोर 18/3 कर दिया।
स्टीव स्मिथ जब अच्छी लय में दिख रहे थे, तभी वेल्लालागे ने आते ही अपनी पहली गेंद पर उन्हें आउट कर दिया। इसके बाद एलेक्स कैरी (41 रन ) और मार्नस लाबुशेन (15 रन ) ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन तीक्ष्णा ने इस साझेदारी को तोड़कर श्रीलंका को फिर से मैच में ला दिया।
हालांकि, हार्डी (32), एबॉट (20) और एडम जैम्पा (20) ने कुछ संघर्ष दिखाया, लेकिन श्रीलंकाई गेंदबाजों ने लगातार विकेट निकालकर ऑस्ट्रेलिया को 165 रनों पर समेट दिया।
श्रीलंका की इस जीत का सबसे बड़ा कारण असलंका की शानदार सेंचुरी और गेंदबाजों का बेहतरीन प्रदर्शन रहा। खासकर तीक्ष्णा (4/40), फर्नांडो (2/23) और वेल्लालागे (2/33) ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका ही नहीं दिया।
इस जीत के साथ श्रीलंका ने दो मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है और अब वे अगला मैच जीतकर सीरीज पर कब्जा करने उतरेंगे। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया को अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने की जरूरत है, वरना यह सीरीज उनके हाथ से निकल सकती है।