क्रिप्टो करेंसी क्या है और यह कैसे काम करता है?

क्रिप्टोकरेंसी एक विशेष प्रकार की डिजिटल वैल्यू (मूल्य) है जिसे क्रिप्टोग्राफी उपयोग करके सुरक्षित किया गया है। ये डिजिटल वैल्यू तकनीकी तौर पर एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी या ब्लॉकचेन पर आधारित होती है। इससे आप कही भी लेन-देन कर सकते हैं ।

क्रिप्टोकरेंसी का काम कैसे करता है:

ब्लॉकचेन तकनीक: क्रिप्टोकरेंसी की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता उसका ब्लॉकचेन तकनीक है। ब्लॉकचेन एक प्रकार की डिजिटल लेजर होती है जिसमें सभी लेन-देन का रिकॉर्ड निकटतम ब्लॉक्स में रखा जाता है। ये ब्लॉक लगातार जुड़ते रहते हैं और इस प्रक्रिया को ‘चेन’ कहा जाता है।

क्रिप्टोग्राफी: ब्लॉकचेन में लेन-देन सुरक्षित रहते हैं क्योंकि उन्हें क्रिप्टोग्राफी द्वारा एकत्रित किया जाता है। यह इन लेन-देनों को हैकरों से सुरक्षित रखने में मदद करता है।

डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर: क्रिप्टोकरेंसी का डेसेंट्रलाइज्ड इसे बाजार में प्रभावी ढंग से आने देता है। कोई एक सेंट्रल अथॉरिटी नहीं होती जो इसे नियंत्रित करे। इसकी सुरक्षा और निष्पक्षता डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग पावर पर निर्भर करती है।

क्रिप्टोकरेंसी की प्रक्रिया: क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन की प्रक्रिया एक संस्कृत स्थिति में होती है जहां प्रत्येक लेन-देन की पुष्टि और मान्यता देने के लिए ब्लॉकचेन प्रूफ ऑफ वर्क (PoW) या अन्य कंसेनस प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है।

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