Cheteshwar Pujara retirement: भारतीय टेस्ट क्रिकेट की रीढ़ माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 24 अगस्त 2025 को उन्होंने अपने संन्यास की घोषणा की और यह बता दिया कि अब वे मैदान पर भारत की जर्सी पहनकर नहीं उतरेंगे। 37 साल के पुजारा ने कहा कि उन्हें इस फैसले पर कोई पछतावा नहीं है, बल्कि यह उनके लिए गर्व का पल है क्योंकि उनका बचपन का सपना पूरा हुआ – भारत के लिए खेलना और टीम को गौरव दिलाना।
बोले सपना पूरा हुआ अब कोई पछतावा नहीं
पुजारा ने आजतक से बातचीत में कहा कि इतने सालों तक भारतीय टीम का हिस्सा होना उनके लिए बेहद खास रहा। उन्होंने माना कि पिछले एक हफ्ते से वे संन्यास को लेकर विचार कर रहे थे और जब उन्होंने यह फैसला लिया, तो यह उनके और उनके परिवार के लिए बेहद गर्व का क्षण था। पुजारा ने अपने कोच, सपोर्ट स्टाफ और साथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके सहयोग के बिना यह सफर इतना शानदार नहीं हो सकता था।
उन्होंने साफ कहा, “बचपन से सपना था कि भारत के लिए खेलना है। वह सपना पूरा हुआ और इतने सालों तक मैंने भारतीय जर्सी पहनी, यही सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
ROKO के साथ बिताए यादगार पल
चेतेश्वर पुजारा ने रोहित शर्मा और विराट कोहली (ROKO) के साथ बिताए पलों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम और मैदान पर बिताया वक्त हमेशा उनके दिल के करीब रहेगा। सिर्फ यही नहीं, पुजारा ने अश्विन, अजिंक्य रहाणे, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट खेलना भी अपने करियर का एक खास हिस्सा बताया।
उनके मुताबिक, “हमने साथ में न सिर्फ बेहतरीन खेल दिखाया बल्कि कई यादगार पलों के भी गवाह बने।”
सबसे खास लम्हा – ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत
पुजारा ने अपने करियर के सबसे यादगार लम्हों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि 2018-19 में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती, तो वह पल उनके दिल के बेहद करीब रहा। इसके अलावा 2021 में मिली ऑस्ट्रेलिया में एक और सीरीज जीत भी उनके लिए बहुत खास थी।
गौरतलब है कि इन दोनों सीरीज में पुजारा का योगदान अमूल्य रहा। उन्होंने अपनी जुझारू बल्लेबाजी से न सिर्फ भारतीय पारी को संभाला, बल्कि टीम को जीत दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई।
युवाओं पर भरोसा
संन्यास का ऐलान करते हुए पुजारा ने साफ किया कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने कहा कि पहले वे रणजी सीजन खेलना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्हें लगा कि युवाओं को मौका मिलना चाहिए। उनके अनुसार, घरेलू क्रिकेट में जब नए खिलाड़ियों को चांस मिलेगा, तभी वे भविष्य में भारत के लिए तैयार हो पाएंगे।
उन्होंने भारतीय टीम की मौजूदा लाइन-अप की भी तारीफ की। यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन को उन्होंने सराहा और कहा कि ये खिलाड़ी आने वाले समय में भारत को कई जीत दिलाएंगे।
संघर्ष और मजबूती की मिसाल
पुजारा का करियर सिर्फ शानदार पारियों का नहीं, बल्कि संघर्ष का भी गवाह रहा है। 2009 और 2011 में उन्हें गंभीर चोटें आईं, लेकिन हर बार उन्होंने मजबूती से वापसी की और भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाई। उनकी बल्लेबाजी हमेशा धैर्य, संयम और क्लासिकल तकनीक की मिसाल रही।
एक युग का अंत, लेकिन यादें अमर
चेतेश्वर पुजारा का करियर भारतीय क्रिकेट इतिहास का सुनहरा अध्याय रहा है। उन्हें भले ही टी20 या वनडे में ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने खुद को भारत का ‘वॉल 2.0’ साबित किया। उनकी पारी में न सिर्फ रन थे, बल्कि संघर्ष, समर्पण और टीम को संभालने की जिम्मेदारी भी थी।
संन्यास के बाद अब भारतीय टीम में उनकी जगह युवा खिलाड़ी लेंगे, लेकिन पुजारा की यादें और योगदान हमेशा क्रिकेटप्रेमियों के दिलों में जिंदा रहेंगे। उनके लिए यह सफर शायद खत्म हुआ हो, लेकिन भारतीय क्रिकेट में उनकी कहानी हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।