मेलबर्न में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट में दोनों टीमों ने कड़ा मुकाबला किया, लेकिन मैच के आखिरी दिन एक घटना ने इस टेस्ट को विवादों में घसीट लिया। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 340 रनों का लक्ष्य दिया था। एक तरफ से विकेट गिर रहे थे, लेकिन यशस्वी जायसवाल अकेले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना कर रहे थे। जब वे 84 रन पर थे, तो उन्हें विवादित तरीके से आउट दिया गया। इस फैसले ने सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया है।

यशस्वी कैसे गये वापस?
मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में 82 रन बनाकर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आउट हुए यशस्वी जायसवाल दूसरी पारी में भी बदकिस्मत रहे। 71वें ओवर में पैट कमिंस की गेंद पर शॉट खेलने की कोशिश में वे चूक गए, और गेंद बल्ले के करीब से निकल गई। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने जोरदार अपील की, लेकिन मैदान पर अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने DRS लिया, और थर्ड अंपायर ने यशस्वी को आउट दे दिया।
बांग्लादेशी अंपायर से इतना बड़ा चुक
जब ऑस्ट्रेलिया ने DRS लिया तो मामला थर्ड अंपायर के पास गया। उन्होंने स्निकोमीटर का इस्तेमाल किया, लेकिन यहीं से विवाद शुरू हुआ। स्निको में यह साफ नजर नहीं आया कि यशस्वी का बल्ला गेंद से टच हुआ था या नहीं। कई बार रीप्ले देखने के बाद बांग्लादेशी थर्ड अंपायर ने यशस्वी को आउट करार दिया, जिससे सभी हैरान रह गए। हिंदी कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री ने भी इस फैसले पर अपनी हैरानी जताई।
क्या है आईसीसी का नियम?
आईसीसी के नियमों के मुताबिक, DRS के फैसले में ऑन-फील्ड अंपायर की भूमिका अहम होती है। चूंकि ऑन-फील्ड अंपायर ने यशस्वी जायसवाल को नॉट आउट दिया था, इसलिए इसे बदलने के लिए ठोस सबूत जरूरी था। लेकिन स्निकोमीटर पर ऐसा कुछ साफ नहीं दिखा, फिर भी थर्ड अंपायर ने यशस्वी को आउट दे दिया, जिससे विवाद खड़ा हो गया।
क्या कहा? कप्तान रोहित शर्मा ने
भारत की हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने यशस्वी जायसवाल के विवादित आउट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। दूसरी पारी में यशस्वी के विकेट को लेकर मचे बवाल पर रोहित ने कहा, “मैच में जो हुआ, वह सही नहीं था और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पहले कहा, “ईमानदारी से कहूं तो उसने गेंद को छुआ था। हम जानते हैं कि तकनीक 100% सही नहीं होती, लेकिन कई बार हम इसके गलत पक्ष में फंस जाते हैं।”